पेरियार रामास्वामी नायकर ने इस तरह अपनी पत्नी को हिंदू धर्म से दूर किया
Periyar E. V. Ramasamy and Wife |
जय भीम नमो बुद्धा
आज हम आपको पेरियार और उनकी पत्नी को हिंदू धर्म से केसे दूर किया आको आज इस पोस्ट के माध्यम से बतायेगे
तमिलनाडु के क्रांतिकारी महामानव पेरियार रामास्वामी नायकर के विवाह के पश्चात् जब उनकी पत्नी नागमय ससुराल आई तो उनके सामने दो संस्कुती संगम था, अंधविशवास के सोग्न्ध मिली थी. उनके पती धर्म के पति चिन्तन ने सोचने पर बाध कर दिया वे दो पटो में पीसी जा रही थी. दसरा जेसे जुलुसोपर रावण के पुतले जलाते थे, तो उसी तरह हिन्दू धर्मके लोग पेरियार का पुतला जलाते थे माता नागमय को प्रारंभ में ये देखकर बोहत बुरा लगता था पर पेरियार अपने पत्नी को समजाते,
का अगर हम तुमे गर्भा अवस्था में जंगल जोड़ दे तो क्या फिर भी हमारी ही पूजा करोगी?
अगर कृष्ण की तरह अपनी पत्नी रुकमनी के होते हुए भी राधा के साथ प्रेम किया तो क्या तुम कृष्ण की जन्माष्टमी मानती?
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अगर हम तुमे जुए जे दाम पर लगा कर हार जाये तो तुम फिर भी हमें धर्मराज कहोगी?
अगर हमारे पाच भाई होते और तुम उन सब की बारी बारी पत्नी बनती तो क्या तुमे गीता पर अडिक विश्वास रहता?
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में अगर दशरत या भिष्णु की तरह तुमे किसी रूशी के पास गर्भाधान के लिए ले चलता तो क्या फिर भी तुमे हिन्दू धर्म को ही महान कहती?
माता नागमय के पास इसका कोई भी जवाब नही था पेरियार रामास्वामी नायकर ने तर्क को द्रारा अपनी पत्नी का हृदय परिवर्तन किया. अब एक तरफ वो लोग हे जो बड़े बड़े भाष देते है, और घर में परिवर्तन नहीं ला सकते कहती है की पत्नी नहीं सुनती क्या आप पेरियार नहीं बनना चाहते पेरियार बनके देखो आपके पत्नी का भी हृदय परिवर्तन होगा
जय भीम जय भारत जय सविधान
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