अशोक मौर्य जिन्हें सामान्यतः चक्रवर्ती अशोक सम्राट के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है सम्राटों का सम्राट यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है.
यह मौर्य वंश के सबसे महान शासक थे। उन्होंने लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर 268 ईसा पूर्व से 232 ईसापूर्व तक राज किया है.
इतिहास के अनुसार अशोक बहुत कम उम्र में राजा बने थे। अशोक जब सम्राट बने तब वह युवक ही थे। इसलिए वे सबसे युवा सम्राट अशोक के साम्राज्य की मुख्य राजधानी पाटलिपुत्र और प्रांतीय राजधानी तक्षशिला और उज्जैन थीं। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। 260 ईसा पूर्व में कलिंग में भीषण युद्ध में हुए रक्तपात में अशोक का ह्रदय परिवर्तित कर दिया और उन्हें बौद्ध धर्म का अनुयायी बना दिया, उनके ही समय में तक्षशिला नालंदा विक्रमशिला कंधार जैसे 23 विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई. इन विश्वविद्यालयों में विदेशों से भी छात्र शिक्षा पाने के लिए भारत आया करते थे। चक्रवर्ती अशोक विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भाटी मौर्य राजवंश के महान सम्राट अशोक सम्राट का पूरा नाम देवनाथ श्री अशोक मौर्य भविष्य की मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज की शुरुआत की। उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण के मैसूर तक और पूर्व में बांग्लादेश से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान इरान तथा सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का लगभग संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार के अधिकांश भू-भाग पर था.
यह विशाल साम्राज्य उस समय से लेकर आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की लिस्ट में हमेशा शीर्ष स्थान पर ही रहे हैं.
सम्राट अशोक अपने विशाल साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है।
सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्वीपों में भी बौद्ध धर्म का प्रचार किया. सम्राट अशोक के बनवाए स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के अनेक स्थानों पर दिखाई देते हैं इसलिए उनकी ऐतिहासिक जानकारी सम्राट अशोक प्रेम सहिष्णुता सत्य एवं अहिंसा के सच्चे समर्थक थे इसलिए उनका नाम इतिहास के महान परोपकारी सम्राट के रूप में दर्ज हो चुका है।
अर्थशास्त्रियों की मानें तो सम्राट अशोक के शासन के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत थी। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत की अर्थव्यवस्था की 35 प्रतिशत की भागीदारी थी.
जातिवाद
सम्राट अशोक के सुशासन और उनकी उंची सोच के चलते उनके शासन काल में जातिवाद जैसी कोई प्रता नहीं थी.
अशोक के शिलालेख
सम्राट अशोक के शासनकाल में बनवाए स्तंभों चट्टानों और गुफाओं की दीवारों पर अब तक कुल 33 अभिलेख प्राप्त हुए हैं। ये आधुनिक बांग्लादेश भारत अफगानिस्तान पाकिस्तान और नेपाल में जगह जगह पर मिलते हैं और बुद्ध धम्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से एक है।
मृत्यु एक रहस्य है?
अशोक ने लगभग 40 वर्षों तक शासन किया जिसके बाद लगभग 234 ईसा पूर्व में उनकी मृत्यु हुई। उनकी मृत्यु कैसे और कहां हुई यह बात अभी तक एक रहस्य बनी हुई है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार सम्राट की मौत तक्षशिला में हुई। वहीं कुछ का कहना है कि सम्राट अशोक ने पाटलिपुत्र में अपनी अंतिम सांसे ली थी.
उनके पुत्र महेन्द्र तथा पुत्री संघमित्रा ने बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अशोक की मृत्यु के बाद मौर्य राजवंश लगभग 50 वर्षों तक चला
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जय भीम जय सविधान
Writing by
Khushboo Satpute
(The GRH Groups)
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