बुद्ध से सीखिए वर्तमान में जीने के तरिखे
नमो बुद्धा दोस्तों आज हम आपको वर्तमान में जीने के बारे में बात करेगे, बुद्ध और तिन व्यक्ति की काहानी हम आपको बतायेगे
एक दिन भगवान बुद्ध अकेले एक रास्ते से जा रहे थे तभी तिन व्यक्ति भागकर बुद्ध की और आ रहे थे तीनो व्यक्ति उने नहीं जानते थे तिन व्यक्ति में से एक व्यक्ति ने बोला की आपने एक औरत को याहासे भागते हुए देखा क्या बुद्ध ने काहा क्यू क्या हुआ तिन व्यक्ति में से एक ने पूछा की वो औरत ने हमारी समप लेकर भाग गई है क्या तुम उस औरत को जानते थे व्यक्ति बोले नहीं वह औरत रात को हमें मदिरा (शराभ) पिलाके हमें सुला दिया और वह औरत हमारा धन लेकर भाग गई. बुद्ध बोले वेह तो अभी तुमे लुट रही है, एक व्यक्ति बोला की तुम हमारा मजाक उड़ा रहे हो तुमे पता नही धन कितना है, वो लोग जानते नहीं थे की बुद्ध संन्यसी से पहले बुद्ध भी धनी थे.
बुद्ध ने पूछा की चोरी तुमारी भूत काल में हु थी और तुम अपने भूत काल के वजेसे अपना वर्तमान ख़राब कर रहे हो. आगे भविष्य में जब वह लड़की मिलेगी तब तुम उसे अवश दंड दोगे, लेकिन उसके लिये तुम अपना वर्तमान खो रहे हो तीनो व्यक्ति ने काहा की आप जो बात कर रहे हो सच तो है लेकिन मुम्किन नहीं, क्या आप अपने जीवन में सुखी हो एक व्यक्ति ने बोला आप का तो कोई भी कुछ चुरा नहीं सकता आप के पास कुछ नहीं है. बुद्ध बोले मेंरे पास इस दुनिया की सबसे कीमती वस्तु है वो है मेरा जीवन है और में अपने जीवन में सुखी हु लेकिन आप अपने वर्तमान में सुखी नहीं हो, इसका मतलब वो लड़की तुमे अभी तक लुट रही है.
तिन व्यक्ति में से एक व्यक्ति ने पूछ की इसका उपाय क्या है, बुद्ध बोले तुम स्वयम को खोजो खुदको जानो व्यक्ति बोला क्या तुमने स्वयम को खोजा है, और हम खुद को जान को क्या करेगे क्या तुमारे पास को उदारण है. बुद्ध बोले तुमारे पास जो बासुरी है वह मुझे दो उस व्यक्ति ने बुद्धा को बासुरी देदी. बुद्धा ने बासुरी बजाई तब वाहाके सभी पशु-पक्षी बुद्धा के पास आये और बुद्ध की वाणी में खोगये और तिन व्यक्ति भी बुद्धा की वाणी में खो गये.
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Namo buddha
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