इंटरकास्ट एक्टिविस्ट जाने माने स्कॉलर लेखक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बुद्धिजीवी डॉ सूरज येंगड़े को जीक्यू ने सबसे प्रतिभाशाली भारतीय युवा की सूची में शामिल किया है.
जीक्यू एक ऐसा मैगजीन है जो उन प्रतिभाशाली व्यक्तित्व पर ध्यान आकर्षित कराता है जो दुनिया में कुछ अलग करने की सोच रखते हैं और उस दिशा में आगे बढ़ते हुए किसी मुकाम तक पहुंचते हैं.
सूरज येंगड एक ऐसे अम्बेडकरवादी लेखक वक्ता और मोटिवेटर हैं जो अपनी राइट अंडरस्टैंडिंग तथा कास्ट लेस सोसायटी के निर्माण आन्दोलन के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं.
सूरज येंगड की प्रसिद्ध पुस्तक कास्ट मैटर्स पर प्रताप भानु मेहता कहते हैं, सूरज येंगड की कास्ट मैटर्स एक ऐसा आईना है जिसमें भारत ने उसमें अपने आप को देखने की जरूरत है।
सूरज येंगड की इंस्टेंट क्लासिक के लिए फ्रांस के प्रसिद्ध लेखक कर्नल वेस्ट लिखते हैं। सूरज येंगड की कलम जिससे डॉक्टर अंबेडकर की छवि उभर कर सामने आती है और बौद्धिक गहनता के साथ इस कलम से बहती है जो अमरीका के ब्लैक आन्दोलन से भी काफी प्रभावित है। यह एक समृद्ध सांस्कृतिक सन्दर्भ है जो कई दशकों से दोनों तरफ प्रवाहित हो रहा है। 1940 के दशक में बेयर डेर रस्किन तथा हार्लेम आश्रम 1960 के दशक में मार्टिन लूथर किंग की भारत यात्रा साथ ही साथ 1970 के दशक में नामदेव ढसाल ने दलित पैंथर्स पर सोच बनाई.
हॉवर्ड केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट उस भव्य परम्परा से निपुण और योग्य उत्तराधिकारी के रूप में स्कॉलर सूरज येंगड अपनी पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली बहुमुखी प्रतिभा के धनी के रूप में उभर कर सामने आये हैं। प्रसिद्ध पुस्तक द रेडिकल अंबेडकर क्रिटिकल रिफ्लेक्शन एस जो सूरज येंगड ने प्रसिद्ध लेखक एवं बुद्धिजीवी डॉक्टर आनन्द तिल उमड़े के साथ मिलकर संपादित की है ये पुस्तक सूरज इंडी की एक असामान्य शैली की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित करती है.
सूरज येंगड की पुस्तक कास्ट मैटर्स का भारत की अलग अलग सात भाषाओं में अनुवाद हो रहा है साथ ही डॉक्टर बाबा साहेब की जीवनी पर भी सूरज येंगड इनके लेखन कार्य कर रहे हैं। पांडे ने पिछले दिनों सात देशों के 17 शहरों में एक साथ काम शुरू किया और बारी बारी इन जगहों के लिए उड़ान भरते रहे। सूरज येंगड का एक ही मंत्र है सफर काम मूवमेंट तथा सफर और खोज। नई खोज मानवीय अधिकारों की रक्षा तथा जातिविहीन समाज के निर्माण के लिए ट्रैवल एंड एक्सप्लोर सूरज येंगड इन दिनों एक कार्य योजना पर काम कर रहे हैं कि 2022 में एक अंतरराष्ट्रीय दलित साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जाए। साथ ही साथ एकल यूरोपियन एंटीकास्ट कॉन्फ्रेंस की योजना पर भी सूरज येंगड काम कर रहे हैं।
JAI BHIM JAI SAVIDHAN........
Artical by
Kalpana Paikrao
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