दलित हिन्दू नहीं है इसके 5 प्रमाण - The Power of Ambedkar

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Monday, January 7, 2019

दलित हिन्दू नहीं है इसके 5 प्रमाण

दलित हिन्दू नहीं है इसके 5 प्रमाण 




जय भीम नमो बुद्धा 

आज हम आपको दलित हिन्दू नहीं है ये बात आज साबित हो जायेगा दलित जो अस्वेधानिक शब्द है, इसिलये दलित के बजाय अनुसूचित जाती यानि shudual cast का इस्तमाल करेगे. 


प्रमाण 1


 कोई भी अनुसूचित जाती का व्यक्ति शंकर्या चार नहीं बन सकता 


प्रमाण 2


सार्वजानिक स्थल पर अनुसूचित जाती के लोगो को जाने की अनुमति नहीं.


प्रमाण 3


अनुसूचित जाती के लोगो को स्पर्श करने की अनुमति नहीं कोई स्पर्श करता है तो उने दंड दिया जाता है, जेसे हात काटना आखे निकलना हाती से खीचना एसे दंड दिए जाते है. ब्रामण को छड़ो इनके भगवान को झूने अनुमति नहीं फिर हम कोनसे हिन्दू है. 

प लन्दन में हुई गोल्ब्स परिषद 1931 में अनुसूचित जाती के अध्यक्ष ने मांग की अनुसूचित जाती के लोगो को सिख, इसाई, मुस्लिम, लिंगायत की तरह अल्पसंख का दर्जा दे. फिर मर्दास में अनुसूचित जाती के लोगो को अल्पसंख दर्जा दिया गया. 


प्रमाण 4


 बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा की हमारे पूर्वजका धर्म हिन्दू नहीं है ये धर्म तो हमपे जबरदस्ती थोपा हुआ है, इस मेसे निकल ने का कोई रास्ता नहीं था, जब बाबा साहब ने बुद्ध धर्म अपनानेसे पहले कहा की हम कोई नये धर्म में नहीं जा रहे है. हम अपने पुराने धर्म में वापस आरहे है. 


प्रमाण 5


संत रविदासजी का साहित्य जिससे पत्ता चलता है, की मध्यकाल में अनुसूचित जाती के लोग ब्रामण का विरोध करते है. 

Buddha Teaching

संत रविदास कहते है की मेने हिन्दू धर्म के चारो वेदों का खंडन किया है, चारो वेद को झुटा साबित हुआ है. साथियो जब कोई कुरान को गलत कहता है वो मुसलमान केसा, जो बाइबल को झुटा बोले वो इसाई केसा. तो रविदास ने तो हिन्दू धर्म के चारो वेदों को झुटा साबित किया फिर भी उने आज भी लोग हिन्दू बोलते है. 


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