बुद्ध ने अपने न्यान से अपने कई शिषो का बुद्द्त्व जगाया, अपने शीषऔ संसार का ज्ञान दिया और बुद्ध ने अपने शीष से इस ज्ञान को देश विदेश इसका प्रचार प्रसार करने को काहा. कुछ शिष भारत के सीमा पार होकर इस ज्ञान का प्रसार किया.
एसे ही एक शिष जापान में हुआ उस का नाम होतेई था. वह व्यक्ति अपने भारी भरकम शरिर वाला इन्सान था वह व्यक्ति बहुती दुखी था वह कोई भी काम करने जाता तो काम नहीं होता था, वह सब से झगड़ा मोड़ लेता था इसीलिए उसने अपना गाव झोड़ दिया था. एक दिन गाव में बुद्ध अनुयाई आये तभी सारा गाव जमा हो गया उसमेसे एक होतेई था. होतेई ने अपनी सारी परेशानी भिक्षु को बाताई. भिक्षु ने काहा संसार में कोई भी परेशानी नहीं हिती हम स्वयम ही परेशानी को पैदा करते है. लेकिन ये कभी भी समस्या नहीं होती येतो सिर्फ जीवन है.
जीवन को तुम जानो गे तो समस्या ख़त्म हो जायेगी.
फिर होतेई ने काहा क्या आप मुझे इस जीवन के बारे में जानने का कोई उपाय बताओगे?
तुम गौतम बुद्ध के विचारों का पालन करो इसीके साथ होतेई ज्ञान प्राप्त करने बेट गया और वह दिन भी नजदीक आया. होतेई को ज्ञान प्राप्त होगया उनोने अपनी आख खोली और वह जोर जोर से हसने लगे फुलोका सुगंध लेकर तो कभी हात उठाकर हसने लगे। एक व्यक्ति ने उनसे पूछा की क्या तुम पागल तो नहीं होए हो?
होतेई ने जवाब दिया पहले में पागल था लेकिन अब मेरी आखे खुल गई है.
इस संसार को देखो प्रकृति हस रही है, तुम भी मेरे साथ हसो वह व्यक्ति होतेई को देखर हसने लगा धीरे धीरे सभी को आनंद आने लगा. फिर लोग उने पूजने लगे मानने लगे उनके सभा में आने लगे होतेई अपनी सभा में भाषण नहीं देता तो दोनों हात उठाकर लोगो को हसने लगता.
एक दिन एक व्यक्ति ने होतेई से पूछा की आप प्रवचन क्यू नहीं देते?
तब लाफिंग बुद्धा कहते की में प्रवचन दे तो राहा हु और तुम ले भो तो रहे हो, बस तुमे दिखाई नहीं देता. जब लाफिंग बुद्धा कोई भी गाव में जाते तो वो गाव में समृधि व गाव में खुशिया आती है, येसा नही है की गाव में पहले कुछ कमी थी, लेकिन मनुष अधिक होने पर भी दुखी होता है और कम होने पर भी दुखी ही होता है.
लेकिन ज्ञानी व्यक्ति आते ही उने समझ आजाती है, और लोगो को लगता है की उस ज्ञानी व्यक्ति के आने से सब हुआ है, लेकिन एसा नहीं है, येतो उनके समझ पर निर्भर है. ज्ञानी व्यक्ति या बुद्धा तो सिर्फ रास्ता दिखाते है.
लेकीन लोग उने पूजने लगते है, उनके मूर्ति बनाते हे और घर में लगाते लोगो को लगता हे की सिर्फ मूर्ति लगाने से सब कुछ हो जाता है , लेकिन एसा नहीं है लाफिंग बुद्धा के हसने का राज समझ ना होगा.
तभी ज्यादा हो ने पर घमंड नहीं होगा और कम होने पर भी दुखी नहीं होगे।
आपको हमारी यह पोस्ट केसी लगी आप कमेंट बॉक्स में कमेंट नमो बुद्धा कीजिये, और हसते रहे.
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