पेरियार ई रामास्वामी नायकर हिंदू देवी देवताओं के कट्टर आलोचक थे उन्होंने जिंदगी हिंदू धर्म और ब्राह्मणवाद का जमकर विरोध किया उन्होंने तर्क बाद आत्मसम्मान और महिला अधिकार जैसे मुद्दों पर जोर दिया जाति प्रथा का घोर विरोध किया जिन्होंने अपने उद्धरण में उन्हें नए युग का पैगंबर दक्षिण पूर्व एशिया का सुकरात समाज सुधार आंदोलन का पिता अज्ञानता अंधविश्वास और बेकार के रीति रिवाज का दुश्मन का जानी उनकी वह बातें जिनसे विवाद हुआ.
पेरियार ई रामास्वामी नायकर लिखते हैं कि मैंने सब कुछ किया गणेश आदि सभी ब्राह्मण देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ डाली राम आदि की तस्वीरें जला दी इन कामों के बाद भी मेरी सभाओं में मेरे भाषण सुनने के लिए यदि हजारों की गिनती में लोग इकट्ठा होते हैं तो बिल्कुल साफ है कि स्वाभिमान तथा बुद्ध का अनुभव होना.
जनता में जागृति का संदेश है पेरियार आगे कहते हैं कि दुनिया के सभी संगठित धर्मों से मुझे सख्त नफरत है शास्त्र पुराण और इनमें दर्ज देवी देवताओं से मेरी कोई आस्था नहीं है क्योंकि वह सारे के सारे दोषी हैं मैं जनता से उन्हें जलाने और नष्ट करने की अपील करता हूं. पेरियार ई रामास्वामी नायकर पूछते हैं द्रविड़ आंदोलन का क्या मतलब है इसका केवल एक ही निशाना है कि इस आर्य ब्राह्मण वादी और वर्ण व्यवस्था का अंत कर देना चाहिए जिसके कारण समाज ऊंच-नीच जातियों में बढ़ गया है द्रविड़ कदम आंदोलन उन सभी शास्त्रों पुराणों और देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखता जो वर्ण तथा जाति व्यवस्था को जैसे का तैसा बनाए रखे हैं. पेरियार आगे कहते हैं कि ब्राह्मणों में अंधविश्वास में निष्ठा रखने के लिए तैयार करता है वह खुद आरामदायक जीवन जी रहा है और तुम्हें अछूत कहकर निंदा करता है मैं आपको सावधान करता हूं कि उनका विश्वास मत करो ब्राह्मणों ने हमें शास्त्रों और पुराणों की सहायता से गुलाम बनाया है अपनी स्थिति मजबूत मंदिर ईश्वर और देवी-देवताओं की रचना की सभी मनुष्य समान रूप से पैदा हुए हैं और फिर अकेले ब्राह्मण उच्च व अन्य को नीच कैसे ठहराया जा सकता है आप अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई क्यों इन मंदिरों में लौट आते हो क्या कभी ब्राह्मणों ने इन मंदिरों तालाबों या अन्य परोपकारी संस्थाओं के लिए ₹1 भी दान दिया है. पेरियार रामास्वामी नायकर कहते हैं कि हमारे देश को आजादी तभी मिली समझनी चाहिए जब ग्रामीण लोक देवता आधर्म जाति और अंधविश्वास से छुटकारा पा जाएंगे.
आज विदेशी लोग दूसरे ग्रहों पर संदेश और अंतरिक्ष यान भेज रहे हैं हम ब्राह्मणों द्वारा शब्दों में परलोक में बसे अपने पूर्वजों को चावल और खीर भेज रहे हैं क्या यह बुद्धिमानी है ईश्वर की सत्ता स्वीकारने में किसी बुद्धिमत्ता की आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन नास्तिकता के लिए बड़े साहस और दृढ़ विश्वास की जरूरत पड़ती है यही स्थिति उन्हीं के लिए संभव है जिनके पास तर्क और बुद्धि की शक्ति हो तेरी और का सवाल है कि ब्राह्मणों के पैरों पर क्यों गिरना क्या यह मंदिर है क्या तोहार है नहीं यह सब कुछ भी नहीं हमें बुद्धिमान व्यक्ति की तरह व्यवहार करना चाहिए यही प्रार्थना का सार है.
पेरियार फिर सवाल करते हैं और कहते हैं कि ब्राह्मण देवी देवताओं को देखो एक देवता तो हाथ में भाला त्रिशूल उठाकर खड़ा है दूसरा धनुष्य बाण अन्य दूसरे देवी देवता कोई गुर्जर कोई ढाल के साथ सुशोभित है यह सब क्यों है एक देवता तो हमेशा अपनी उंगली के ऊपर चारों तरफ चक्कर चलाता रहता है यह किस को मारने के लिए हम आजकल के समय में रह रहे हैं क्या यह वर्तमान समय किन देवी देवताओं के लिए सही नहीं है क्या बे अपने आप को आधुनिक हथियारों से लैस करने और धनुष बाण के स्थान पर मशीन या बंदूक धारण क्यों नहीं करते रात को छोड़कर टेन पर सवार क्यों नहीं हो सकते तेरी और पूछते हैं कि जनता इस परमाणु युग में यह देवी देवताओं के ऊपर विश्वास करते हुए क्यों नहीं शर्म आती आगे वे कहते हैं कि 1 देवताओं को नष्ट कर दो जो तुम्हें शुद्ध करें उन पुराणों और इतिहास को ध्वस्त कर दो जो देवता को शक्ति प्रदान करते हैं.
उस देवता की पूजा करो जो वास्तव में दयालु भला और बुद्धि गम में है यह कहना और यह सवाल तेरी यार यह भी पेरियार ई रामास्वामी नायकर के हैं.
जय भारत जय भीम
Artical Writter by
Aadity Yeunkar
The Power of Ambedkar
पेरियार ई रामास्वामी नायकर लिखते हैं कि मैंने सब कुछ किया गणेश आदि सभी ब्राह्मण देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ डाली राम आदि की तस्वीरें जला दी इन कामों के बाद भी मेरी सभाओं में मेरे भाषण सुनने के लिए यदि हजारों की गिनती में लोग इकट्ठा होते हैं तो बिल्कुल साफ है कि स्वाभिमान तथा बुद्ध का अनुभव होना.
जनता में जागृति का संदेश है पेरियार आगे कहते हैं कि दुनिया के सभी संगठित धर्मों से मुझे सख्त नफरत है शास्त्र पुराण और इनमें दर्ज देवी देवताओं से मेरी कोई आस्था नहीं है क्योंकि वह सारे के सारे दोषी हैं मैं जनता से उन्हें जलाने और नष्ट करने की अपील करता हूं. पेरियार ई रामास्वामी नायकर पूछते हैं द्रविड़ आंदोलन का क्या मतलब है इसका केवल एक ही निशाना है कि इस आर्य ब्राह्मण वादी और वर्ण व्यवस्था का अंत कर देना चाहिए जिसके कारण समाज ऊंच-नीच जातियों में बढ़ गया है द्रविड़ कदम आंदोलन उन सभी शास्त्रों पुराणों और देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखता जो वर्ण तथा जाति व्यवस्था को जैसे का तैसा बनाए रखे हैं. पेरियार आगे कहते हैं कि ब्राह्मणों में अंधविश्वास में निष्ठा रखने के लिए तैयार करता है वह खुद आरामदायक जीवन जी रहा है और तुम्हें अछूत कहकर निंदा करता है मैं आपको सावधान करता हूं कि उनका विश्वास मत करो ब्राह्मणों ने हमें शास्त्रों और पुराणों की सहायता से गुलाम बनाया है अपनी स्थिति मजबूत मंदिर ईश्वर और देवी-देवताओं की रचना की सभी मनुष्य समान रूप से पैदा हुए हैं और फिर अकेले ब्राह्मण उच्च व अन्य को नीच कैसे ठहराया जा सकता है आप अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई क्यों इन मंदिरों में लौट आते हो क्या कभी ब्राह्मणों ने इन मंदिरों तालाबों या अन्य परोपकारी संस्थाओं के लिए ₹1 भी दान दिया है. पेरियार रामास्वामी नायकर कहते हैं कि हमारे देश को आजादी तभी मिली समझनी चाहिए जब ग्रामीण लोक देवता आधर्म जाति और अंधविश्वास से छुटकारा पा जाएंगे.
आज विदेशी लोग दूसरे ग्रहों पर संदेश और अंतरिक्ष यान भेज रहे हैं हम ब्राह्मणों द्वारा शब्दों में परलोक में बसे अपने पूर्वजों को चावल और खीर भेज रहे हैं क्या यह बुद्धिमानी है ईश्वर की सत्ता स्वीकारने में किसी बुद्धिमत्ता की आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन नास्तिकता के लिए बड़े साहस और दृढ़ विश्वास की जरूरत पड़ती है यही स्थिति उन्हीं के लिए संभव है जिनके पास तर्क और बुद्धि की शक्ति हो तेरी और का सवाल है कि ब्राह्मणों के पैरों पर क्यों गिरना क्या यह मंदिर है क्या तोहार है नहीं यह सब कुछ भी नहीं हमें बुद्धिमान व्यक्ति की तरह व्यवहार करना चाहिए यही प्रार्थना का सार है.
पेरियार फिर सवाल करते हैं और कहते हैं कि ब्राह्मण देवी देवताओं को देखो एक देवता तो हाथ में भाला त्रिशूल उठाकर खड़ा है दूसरा धनुष्य बाण अन्य दूसरे देवी देवता कोई गुर्जर कोई ढाल के साथ सुशोभित है यह सब क्यों है एक देवता तो हमेशा अपनी उंगली के ऊपर चारों तरफ चक्कर चलाता रहता है यह किस को मारने के लिए हम आजकल के समय में रह रहे हैं क्या यह वर्तमान समय किन देवी देवताओं के लिए सही नहीं है क्या बे अपने आप को आधुनिक हथियारों से लैस करने और धनुष बाण के स्थान पर मशीन या बंदूक धारण क्यों नहीं करते रात को छोड़कर टेन पर सवार क्यों नहीं हो सकते तेरी और पूछते हैं कि जनता इस परमाणु युग में यह देवी देवताओं के ऊपर विश्वास करते हुए क्यों नहीं शर्म आती आगे वे कहते हैं कि 1 देवताओं को नष्ट कर दो जो तुम्हें शुद्ध करें उन पुराणों और इतिहास को ध्वस्त कर दो जो देवता को शक्ति प्रदान करते हैं.
उस देवता की पूजा करो जो वास्तव में दयालु भला और बुद्धि गम में है यह कहना और यह सवाल तेरी यार यह भी पेरियार ई रामास्वामी नायकर के हैं.
जय भारत जय भीम
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Aadity Yeunkar
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