The Life of Bandit Queen Phoolan Devi - The Power of Ambedkar

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Thursday, July 8, 2021

The Life of Bandit Queen Phoolan Devi

एक वक्त ऐसा था जब डर का दूसरा नाम फूलन देवी हुआ करती थी


कई बार गैंगरेप अत्याचार फिर डाकू से सांसद बनी फूलन देवी की जिंदगी का सफर रोंगटे खड़े करने वाला है.

लेखिका माला सेन हमारी शेरनी फूलन देवी की जिंदगी पर बैंडिट क्वीन स्टोरी ऑफ फूलन देवी किताब लिखी थी जिस पर 1994 में शेखर कपूर ने फिल्म बनाई फिल्में सीमा बिस्वास ने मुख्य किरदार निभाया था इस फिल्म उसको बेस्ट अवार्ड अवार्ड मिला था. 

  

Bandit Queen

फूलन देवी का परिचय देना हो तो कोई एक शब्द या वाक्य नहीं मिलता, एक 10 साल की लड़की अपने पिता की जमीन के लिए लड़ गई थी या एक बालिका वधू श्री राम ठाकुर के गने खतरनाक डाकू जिसमें गांव के 22 लोगों को लाइन में खड़ा कर कर मार दिया था, या फिर राजनेता के तौर पर, 

10 अगस्त 1963 के के घोड़ा का पुरवा में परिवार में हुआ था. फूलन देवी का बचपन बेहद गरीबी में बीता था लेकिन वह बचपन से दबनग थी 10 साल की उम्र में जब उन्हें पता चला कि चाचा ने उनकी जमीन हड़प ली है.

उनके सिर पर इट मार दी थी. परिवार उनसे इतना नाराज हो गए थे कि महज 10 साल की उम्र में 35 साल बड़े से शादी करा दी शादी उनकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल नहीं रही मारपीट गाली-गलौज और शारीरिक शोषण करता था.


इन सबसे परेशान होकर फूलन से मायके आ गई. जब वापस अपने ससुराल गई तो पता चला कि उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है और उसकी दूसरी पत्नी फूलन देवी को घर में घुसने नहीं दिया, इस दौरान फूलन देवी की मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जो डाकुओं के ग्यांग से थे यह लोग उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बॉर्डर बुंदेलखंड में सक्रिय थे. इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कुछ लोगों का कहना है कि डाकुओं ने उसे अगवा कर लिया था, हालाकि फूलन देवी ने अपनी ऑटो बायोग्राफी में कहा था कि किस्मत को यही मंजूर था सरदार मुझसे प्यार करने लगा वही विक्रम भी प्यार करने लगा उसकी हत्या कर दी और सरदार बन गया था, फूलन विक्रम के साथ रहने लगी.


एक दिन अपने पति और उसकी बीवी दोनों की जमकर पिटाई की डाकुओं का और एक ग्यांग था ठाकुरों का ग्यांग ग्यांग की सबसे बुरा परिणाम फूलन को भुगतना पड़ा उसके साथ जो होने वाला था वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाला था, ठाकुर के ग्यांग का सरगना श्री राम ठाकुर और लाला ठाकुर ये ग्यांग उस बाबू जुगर की हत्या से नाराज था जिसका जिम्मेदार फूलन को माना जाता था. दोनों में गुटों में लड़ाई हुई घटना के कुछ समय बाद ही ठाकुरों के ग्यांग ने फूलन को किडनैप कर ले गए और 3 हफ्ते तक गैंगरेप किया.

फूलन ने अपने किताब में एक महिला का जिक्र किया है जिसने राम ठाकुर मदद की थी. उस महिला ने फूलन के सभी दाहिने उसने उसे उतार ली थे, उन्होंने लिखा था तुमने मेरे कपड़े फाड़ दिए और आदमियों के सामने नंगा छोड़ दिया श्री राम और उसके साथी नग्न अवस्था में ही रस्सियों से बांधकर नदी के रास्ते में गांव ले गए श्री राम और उसके साथियों ने मिलकर उसे पूरे गांव में नंगा घुमाया सबसे पहले श्री राम श्रीराम ने मेरा रेप किया फिर बारी बारी से गांव के लोगों ने मेरे साथ रेप किया बालों से पकड़ कर खींच रहे थे श्री राम और उसके साथियों ने को लाठियों से भी खूब मारा था कहा जाता है कि ठाकुरों ने उनको नग्न अवस्था में 2 सप्ताह से अधिक समय तक कोठरी में बंद रखा था, जाता तब तक जब तक वह बेहोश ना हो जाती हुई, उस समय फूलन 18 साल की थी.


यहां से किसी तरह बच निकलने के बाद में फूलन डाकुओं के ग्यांग शामिल हो गई, रेप करने वाले दो लोगों को पहचान लिया बाकी के बारे में गाव पूछा तो किसी ने कुछ नहीं बताया फिर 22 ठाकुरों को घर से निकाल कर एक साथ गोली मार दी थी, यही वह हत्याकांड था जिसने फूलन खूंखार डकैत की छवि बना दी थी, चारों और बवाल मच गया. 


राजेंद्र चतुर्वेदी इस बीच उनके साथ बात करते रहे उनका ही कमाल कि फूलन आत्मसमर्पण को राजी हो गई उस समय उन पर बैठक बैठक क्या चीज डकैती और अट्ठारह अपहरण के का केस दर्ज थे फूलन को

11 साल जेल में रहना पड़ा मुलायम सिंह की सरकार ने 1993 में उन पर लगे सारे आरोप वापस लेने का फैसला लिया राजनीतिक रूप से यह बड़ा फैसला था 19 1994 में फूलन जेल से छूट गई उमेश सिंह से उनकी शादी हो गई 1996 में फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और जीत गई मिर्जापुर से सांसद बनी चंबल में घूमने वाली अब दिल्ली के अशोका रोड के शानदार बंगले में रहने लगी 1998 में हार गई और फिर 1999 में वही से जीत गई.

 

रिहाई के बाद फूलन ने दीक्षा-भूमि आकर बुद्ध धम्म का भूमिका स्वीकार किया.

 25 जुलाई 2001 में शेर सिंह राणा नाम का एक शख्स फूलन देवी से मिलने पहुंचा और घर के गेट पर ही उन्हें गोली मार दी को 5 गोलियां लगी थी थीं. 



था फूलन देवी का संघर्ष भारत के सभी नारियों के लिए है प्रेना दाई है.


Article Written By

AchGau


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