‘Jai Bhim’ movie Review 2021 - The Power of Ambedkar

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Friday, November 5, 2021

‘Jai Bhim’ movie Review 2021

सोशल मीडिया पर एक नाम बहुत चर्चा में है वह है फिल्म जय भीम सूर्या की पावरफुल ड्रामा फिल्में है. सुपरस्टार सूर्या की फिल्म जय भीम अमेजॉन प्राइम पर रिलीज हो गई है यह फिल्म काफी समय से सुर्खियों में है और अगर आप इस फिल्म को देखने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले रिव्यू को पूरा देख ले.



Directed by T. J. Gnanavel

Produced by Suriya

इस फिल्म में स्टार कास्ट है सूर्या लियो मॉल जो प्रकाश राज मणिकंदन थोड़ा कहानी के बारे में भी जान लेते हैं फिल्म के ओपनिंग सिक्वेंस में दिखाया गया है कि कुछ आदिवासी आदमियों को जेल से पुलिस वैन में बिठाया जाता है उन्हें उस क्राइम के लिए सजा दी जाती है जो उन्होंने किया ही नहीं गांव के बारे में बता दें कि एक ईरुला आदिवासियों का समूह धनी और शक्तिशाली लोगों के खेतों में काम करता है उनके खेतों को बचाता है सांप पकड़ने में एक्सपर्ट होते हैं और कोबरा जैसे बड़े और खतरनाक सांप पकड़ते हैं

डायरेक्टर ने लोगों की मासूमियत और उनकी सच्चाई को फिल्म में अच्छी तरह से दिखाया है लियो मॉल जो मणिकंदन ने ट्रायल के तौर पर अच्छा काम किया है.

सूर्या के काम को देखकर आपकी नजरें नहीं हटेगी,

जी हां सूर्या का काम देख कर आपको लगेगा कि रियल में वकील है.



उनके पावर पावरफुल सीन देखकर आप में जोश भर जाएगा वहीं इमोशनल सीन देखकर आप भी इमोशनल हो जाएंगे.

जय भीम के आर्ट डायरेक्टर की तारीफ करनी चाहिए उन्होंने 90 के दशक को बखूबी दिखाया है हाई कोर्ट की कार्रवाई का काम इस फिल्म को बेहतर बनाने में सबसे महत्वपूर्ण है.


ऐसा ही है और देखना है आप जरूर देख सकते हैं और जो जोश की शानदार परफॉर्मेंस आपको देखनी होगी क्योंकि जय भीम उद्घोष है स्वतंत्रता और न्याय का बार-बार डॉक्टर अंबेडकर का जिक्र होता है एक प्रेरणा के रूप में एक राष्ट्रीय नायक के रूप में हो या डॉ आंबेडकर नाम सिर्फ नाम नहीं तो क्रांति का उद्घोष है वैसे तो ना देखने की आपके पास कोई भी वजह नहीं है जय भीम इस नाम में क्या जोश है यह आपको पता चलेगा जब आप फिल्म देखेंगे आपको बहुत मजा आएगा हमारे देश में हमेशा से ही पिछड़ी जातियों के लोगों के साथ शोषण होता हुआ है.


जय भीम ऐसी फिल्म है जिसे एक बार तो जरूर ही देखना चाहिए, फिल्म में सभी की एक्टिंग का कोई जवाब नहीं है सबका दिल जीत लिया है योग्य है इस फिल्म को तमिल तेलुगू और हिंदी भाषा में एक साथी साथ रिलीज किया गया है काफी बेहतरीन है, 2 घंटे 44 मिनट की इस फिल्म को बहुत से बहुत बेहतरीन बनाने की कोशिश की गई है और इसमें फिल्मकार सफल भी हुए हैं आप फिल्म का कोई भी दृश्य मिस नहीं करना चाहेंगे फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है कोई भी जाति बढ़िया छुट्टी नहीं होती हर कोई इंसान एक समान है इस बात को फिल्म के पर्दे पर दिखाने में बिल्कुल यह फिल्म सफल रही है यह फिल्म तारीफ के काबिल है 




फिल्म में सूर्या वकील के किरदार में अभिनय करते हुए दिखे हैं वहीं ना सिर्फ सूर्या बल्कि अन्य सभी किरदारों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है बचाने.

``कानून तो अंधा है गूंगा हो गया तो मुश्किल हो जाएगी" 


सबसे अहम है बाबा साहब अंबेडकर की बात करना और फिल्म का नाम जय भीम रखना अपने आप में पूरी टीम की हिम्मत बयां करती है, हमारा भी उत्तरदायित्व है कि हम इस फिल्म को देखें समझे सिस्टम को समझें और साथ दें जो न्याय संविधान बाबासाहेब बाबा साहब जय भीम और देश के लिए साथ होकर समर्पण के साथ काम कर रहे हैं 

जय भीम


"जय भीम या संपूर्ण चित्रपटात जयभीम या शब्दाचा एकदाही उल्लेख नाही..

#जयभीम म्हणजे 'न्याय समता बंधुत्व' हाच अर्थ निर्मात्यांनी घेतला आहे .. आणि या पुढेही कोणताही भेदभाव न करता संपूर्ण भारतीयानी हाच अर्थ काढावा. 


#जयभीम🙏🏻 💙


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